संवाददाता: इन्द्रजीत यादव एडवोकेट सर्वोच्च दर्पण न्यूज़ (संपादक)
गोरखपुर: आज डॉ0 भीमराव अम्बेडकर फाउण्डेशन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार के तत्वावधान में कमला जन कल्याण सेवा संस्थान एवं शिक्षा प्रसार समिति, चतुर्थ चरण राप्तीनगर गोरखपुर के संयोजन में भारतीय संविधान के निर्माता भारत रत्न डॉ0 भीमराव अम्बेडकर जयन्ती समारोह सरस्वती इण्टरमीडिएट कॉलेज नाहरपुर, गोरखपुर में बड़े धूम-धाम से सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पिपराइच विधानसभा के लोकप्रिय विधायक माननीय महेन्द्रपाल सिंह जी, जिला समाज कल्याण अधिकारी गोरखपुर एवं विशिष्ट अतिथि श्री वशिष्ठ नारायण सिंह जी, प्रधानाचार्य सरस्वती इ0 कॉ0 नाहरपुर, गोरखपुर एवं मुख्य वक्ता श्री चन्द्रभूषण मिश्र जी, प्रवक्ता श्री भोलाराम मस्करा इ0कॉ0 सहजनवॉ गोरखपुर एवं अध्यक्ष श्री रामानन्द जी, समिति के अध्यक्ष श्री शिवकुमार शर्मा जी एवं कार्यक्रम संयोजक प्रबन्धक मंत्री श्री देशबन्धु शुक्ल के द्वारा हुआ।
कार्यक्रम में विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना एवं स्वागत गान प्रस्तुत किया गया तत्पश्चात् समिति के प्रबन्धक श्री देशबन्धु शुक्ल के द्वारा मंचस्थ सभी माननीय अतिथियों का माल्यार्पण कर स्मृति-चिन्ह प्रदान करके स्वागत किया गया। तथा समिति के विषय में अपना विचार रखा गया। मुख्य अतिथि के द्वारा छात्र-छात्राओं को पुरस्कार वितरित किया गया। कार्यक्रम में आये हुए सभी सम्मानित जनों को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि पिपराइच विधानसभा के लोकप्रिय विधायक माननीय महेन्द्रपाल सिंह जी ने कहा कि डॉ0 भीमराव अम्बेडकर जी न्याय की एक जलती हुई मिशाल थे। उन्होंने गरीबों, दलितों, पिछड़े वर्ग के लिए सदेव संघर्ष किया जिससे प्रभावित होकर पूरा देश आज डॉ0 अम्बेडकर के विचारों को आत्मसात कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि समय आ गया है कि बाबा साहेब भारत रत्न डॉ0 भीमराव अम्बेडकर के विचारों को अपने हृदय में उतारिए क्योंकि उन्होंने जीवनभर न्याय और असमानता के लिए संघर्ष किया उन्होंने जाति, भेदभाव और असमानता के उन्मूलन के लिए काम किया तथा दृढ़ता से न्याय और सामाजिक समानता में विश्वास किया और यह निश्चित किया कि संविधान में धर्म और जाति के आधार पर कोई भेदभाव न हो, हमें इसको समाप्त करके बाबा साहेब के विचारों पर चलना होगा।
विशिष्ट अतिथि जिला समाज कल्याण अधिकारी श्री वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि डॉ0 भीमराव अम्बेडकर दलितों और पिछड़ों के अग्रदूत थें। उन्होंने कहा कि डॉ0 भीमराव अम्बेडकर दलित वर्ग के नेता थे वे उच्च शिक्षा प्राप्त थे उन्हंे पूरे संसार के कानून का बहुत अच्छा ज्ञान था वे देशसेवक, लोकसेवक, राष्ट्रभक्त और दलितों के भगवान थे। वे संसार के एक महान पुरुष थे उनका अभाव सम्पूर्ण देश को हमेशा खलता रहेगा।
मुख्य वक्ता श्री चन्द्रभूषण मिश्र ने कहा कि बाबा साहेब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर ने युग को एक नई चेतना दिया और सभी को एक डोर में बांधने की पूरी-पूरी कोशिश की। संसार सदा उनका आभारी रहेगा। यह उनसे हमेशा प्रेरणा लेता रहेगा और वे सदैव हम सभी के प्रेरणा के प्रतीक रहेंगे। उन्होंने साफ-साफ कहा कि जाति ईंटों की दीवार जैसी कोई भौतिक वस्तु नहीं है बल्कि यह एक धारणा है और यह एक मानसिक स्थिति है। इसलिए इससे हमें दूर रहना होगा तभी समाज और राष्ट्र का कल्याण होगा।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री रामानन्द जी ने कहा कि भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहेब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर जहाँ एक तरफ भारतीय संविधान के निर्माता थे वहीं दूसरी तरफ उनके अन्दर समाज सुधारक वाली छवि भी विद्यमान थी। आज उनके जयन्ती के अवसर पर हमें यह संकल्प लेना होगा कि हम सभी उनके बताये हुए विचारों पर चलते हुए जातिवाद को समाप्त करके राष्ट्रवाद को मजबूत करने में अपनी महती भूमिका का निर्वहन करें।
कार्यक्रम को उत्तर प्रदेश के दर्जा प्राप्त (राज्य मंत्री) माननीय राधेश्याम सिंह ने कहा कि आपके परिप्रेक्ष्य में डॉ0 भीमराव अम्बेडकर के विचारों का स्मरण हमारे लिए नींव की ईंट साबित होगी और हम सभी जातिवाद को छोड़कर राष्ट्रवाद को आत्मसात् करेंगे।
कार्यक्रम को समिति के अध्यक्ष श्री शिवकुमार शर्मा ने आये हुए सभी अतिथियों का आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम के समापन की घोषणा किया। कार्यक्रम का संचालन समिति के सदस्य श्री रमेशचन्द्र गुप्त जी ने किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से भारतभूषण श्रीवास्तव, नीरज श्रीवास्तव, संतराज शर्मा, अमृतलाल भारती, नागेन्द्र मिश्रा, नरेन्द्र सिंह, दयाशंकर मिश्र, गौरव शुक्ला, विनय कुमार पाण्डेय, बाल्मीकि मिश्र, दीपू मिश्रा, जयप्रकाश सिंह, विनोद कुमार श्रीवास्तव, धर्मराज पाण्डेय, श्रीमती रीता देवी आदि प्रतिभागीगण उपस्थित रहे
