रिपोर्ट महेश कुमार
ब्रह्मपुर:आज भी कुछ ग्रामीण इलाकों में माप तौल के लिए पत्थर का इस्तेमाल किया जा रहा है जबकि तौल के लिए आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक कांटे की जरूरी है लेकिन आज भी गांव के ग्रामीण क्षेत्र में पत्थर के बाट से सामग्री दी जाती है ब्रह्मपुर ब्लॉक के सिंहपुर गांव के कुछ ग्रामीणों का कहना है कि जब भी आटा चक्की पर गेहूं पिसाई के लिए अनाज को ले जाते हैं तो अनाज का तौल भी बांट से करने के बजाए पत्थर के बांट से करके ग्रामीणों का शोषण किया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार आटा चक्की वाले से लोहे के सरकार द्वारा निर्धारित बांट से तौलने को कहते लेकिन वह दूसरी जगह जाने के लिए कह देता है।
ग्रामीणों की शिकायत पर जब हमने सिंहपुर में लाल जी आटा चक्की वाले के पास पहुंचा तो वहां पर दो लोहे की पुरानी बाट और 10 बाट पत्थर के निकले आप को बताते चलें कि आज भी ब्रह्मपुर क्षेत्र के सैकड़ों जगहों पर पत्थर का बाँट बनाकर आम जनता के साथ ठगी का शिकार बना रहे हैं आंटा चक्की कारोंबारी
बाट माप विभागीय अधिकारी है मौन।

