
विधानसभा चुनाव से पहले सपा-प्रसपा गठबंधन को इटावा में बड़ा झटका लगा है। यहां शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रदेश उपाध्यक्ष और इटावा लोकसभा सीट से 2 बार सांसद रहे चुके रघुराज सिंह शाक्य आज भाजपा में शामिल हो गए।
भाजपा के लखनऊ स्थित कार्यालय में डिप्टी CM केशव प्रसाद मोर्या की मौजूदगी में शाक्य ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इनमें प्रसपा के पूर्व जिला महासचिव कृष्ण मुरारी गुप्ता, बसपा नेता बादशाह राजपूत, सर्वेश चौहान, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सीमा शाक्य जैसे कई वरिष्ठ नेता शामिल थे।
शिवपाल यादव के करीबी माने जाते हैं रघुराज
बता दें कि रघुराज सिंह शाक्य और इटावा प्रसपा जिला महासचिव कृष्ण मुरारी गुप्ता शिवपाल यादव के करीबी माने जाते हैं। हालांकि जानकारों के मुताबिक, रघुराज सिंह शाक्य को सदर सीट से टिकट न मिलने के कारण ये सभी बीजेपी में शामिल हो गए।
दरअसल, शिवपाल सिंह यादव ने अपने भतीजे अखिलेश यादव के साथ तालमेल कर समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर लिया, लेकिन अपने किसी भी समर्थक को टिकट नहीं दिला पाए हैं। इसी कारण उनके ज्यादातर समर्थकों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। वहीं कुछ समर्थक ऐसे भी हैं, जो भाजपा के बजाय कांग्रेस या फिर निर्दलीय ही किस्मत आजमाने की तैयारी में हैं।
दो बार सांसद रह चुके हैं रघुराज सिंह शाक्य
रघुराज सिंह शाक्य इटावा लोकसभा से सन 1999 में पहली बार सांसद चुनकर लोकसभा पहुंचे थे। उसके बाद 2004 में फिर से समाजवादी पार्टी के टिकट से रघुराज सिंह शाक्य सांसद चुने गए। 2012 में रघुराज सिंह शाक्य इटावा सदर सीट पर सपा के टिकट से विधानसभा का चुनाव लड़े और विधानसभा पहुंचे, रघुराज सिंह शाक्य शहरी क्षेत्र में अच्छी खासी पकड़ मानी जाती है।
जिस कारण सपा-प्रसपा गठबंधन होने के बाद रघुराज सिंह शाक्य को गठबंधन से टिकट मिलने की पूरी संभावना जताई जा रही थी, लेकिन आखिरी मौके पर सदर विधानसभा सीट पर अखिलेश यादव ने पूर्व सांसद राम सिंह शाक्य पुत्र सर्वेश शाक्य को समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी घोषित कर दिया है। जिसके बाद समाजवादी पार्टी से टिकट के दावेदार के बीच में नाराजगी दिखाई देने लगी है।
5 दिन पूर्व प्रसपा जिलाध्यक्ष ने दिया था इस्तीफा
5 दिन पूर्व प्रसपा जिलाध्यक्ष सुनील यादव ने निजी कार्य में व्यस्त होने का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद प्रसपा कार्यालय पर ताला बंद कर दिया गया था। इससे पूर्व समाजवादी पार्टी के नेता व पूर्व चेयरमैन नगर पालिका परिषद कुलदीप गुप्ता संटू प्रोफेसर रामगोपाल के बेहद करीबी माने जाते हैं। उन्होंने भी टिकट न मिलने से नाराज होकर बसपा का दामन थाम कर सदर सीट पर बसपा के टिकट से दावेदारी ठोक दी है।