रिपोर्ट जितेंद्र गुप्ता
खुले में जा रहे हैं शौच
सामुदायिक शौचालय पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं। उसके बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांश लोग खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं। इसी तरह विकास खंड सरदार नगर के ग्राम सभा महदेवा जंगल गांव में सामुदायिक शौचालय पूर्ण रूप से बन कर तैयार नहीं है सामुदायिक शौचालय में ताला लगा हुआ है। जिसके कारण लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं।
गांव कस्बों के नि:शुल्क शौचालय लाभ से किसी कारण वंचित पात्र व्यक्तियों व गांव में ठहरे प्रवासियों को खुले में शौच न जाना पड़े। इसके लिए सरकार की तरफ से लगभग सभी ग्राम सभाओं में तीन लाख रुपये लागत से महिला व पुरुष शौचालय के साथ स्नान गृह पानी के लिए सबमर्सिबल से पाइपलाइन द्वारा नल सुविधा से लैस सार्वजनिक शौचालय बनाए जा रहे हैं। इसकी लागत राशि अवमुक्त कर सचिव व ग्राम प्रधान को इसका निर्माण कार्य सौंपा गया है। जिसमें से कुछ शौचालय अभी तक आधा अधूरा ही बना है तो कुछ संपूर्ण कार्य होने के बाद ताला लगा दिया गया है। जिससे लोग सामुदायिक शौचालय का उपयोग नहीं कर पाते नतीजतन खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। कुछ गांव निवासीयों ने बताया की गांव में सामुदायिक शौचालय कई माह पहले बन कर तैयार हो गया है,और कुछ कार्य अधुरा भी है जिसके कारण सामुदायिक शौचालय में ताला बंद पड़ा है जिसके चलते ग्रामीण शौचालय के उपयोग से वंचित हैं। वही ग्राम प्रधान का कहना है की पानी की टंकी लग गई है पर बिजली कनेक्शन नहीं है और कुछ कार्य भी अधुरा है जिसके कारण सामुदायिक शौचालय का ताला बंद पड़ा है
