संवाददाता: राहुल यादव
रतनपुरा मऊ चुनाव अपने चरम पर है प्रत्येक दल का शीर्ष नेतृत्व प्रत्याशियों की ठोक पड़ताल गहनता से करने में जुटा है। जहां विपक्ष जमीनी मुद्दे तलाश कर सत्ता पक्ष को घेरने में लगे है वही सत्ता में बैठी भाजपा अपने विरोधियों को मात देने के लिए बुलडोजर से चुनाव जीतने का रास्ता साफ कर रही हैं।भाजपा का मानना है की प्रदेश के माफियाओं पर बुलडोजर चलाना प्रदेश हित में एक बड़ी कामयाबी है और जनता इसके लिए फिर उन्हे मौका दे रही है। अब सच क्या है वो तो आने वाला वक्त ही बताएगा?प्रदेश में जब बात बुलडोजर चलने की हो और मऊ की सदर विधानसभा की बात ना हो ऐसा हो ही नही सकता। जहां माफिया कहा जाने वाला मुख्तार अंसारी पिछले पच्चीस सालों से माननीय विधायक है जिसे जनता मसीहा मानते हुए नेता चुनती हैं।बता दे की प्रदेश सरकार ने मुख्तार अंसारी के तमाम ठिकानों को अवैध करार देते हुए एक के बाद एक स्थानों पर बुलडोजर चलाकर करोड़ों रुपए की चोट मारी है।सवाल यह उठता है की क्या 2022 विधानसभा के चुनाव में विधायक मुख्तार अंसारी घुटने टेक देगा या पूर्व की भांति इस बार भी माननीय बनकर अपना सितारा बुलंद करने में सफल हो सकेगा?राजनैतिक दलों का मानना है की माफिया मुख्तार पर हो रही लगातार करवाई से उसकी छवि धूमिल हो चुकी है।उसके कार्यकर्ता भय के मारे निष्क्रिय हालत में है?इन सारे प्रश्नों का उत्तर जानने के लिए जब विधानसभा के विभिन्न क्षेत्रों के विभिन्न लोगो से बात करने पर पता चला की लगातार हो रही करवाई के बावजूद भी मुख्तार अंसारी की लोकप्रियता सौ फीसदी और बढ़ी है।कारण यह है की एक तरफ देश के प्रधानमंत्री ,गृहमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित तमाम सत्ता पक्ष की बड़ी हस्तियां मुख्तार को कोसने के साथ साथ माफिया व अपराधी साबित पर लगे थे तो दूसरी तरफ मुख्यधारा की मीडिया सहित सोसल प्लेटफार्म पर भी विधायक मुख्तार अंसारी का जिक्र जोरों पर रहा है जिससे की ना चाहते हुए भी जनता का ध्यान मुख्तार अंसारी पर सौ फीसदी बरकरार रहा।लोगो के अनुसार मुख्तार अंसारी भले ही सालों से जेल में कैद हो लेकिन जाति धर्म की बंदिशों से ऊपर हटकर हमेशा ही गरीबों की मदद में सदैव उनके साथ खड़ा रहता है यह क्षेत्र कीआम जनता का विचार है।तभी तो उसे हर वर्ग और हर जाति के लोगो का जन समर्थन मिलता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार विधायक मुख्तार अंसारी पर चलाए जा रहे दर्जनों मुकदमे अभी भी कोर्ट में विचाराधीन है। अब तक किसी भी मुकद्दमे पर सजा नही सुनाई जा सकी हैं यानी दोष सिद्ध नही पाया गया है।उनके ऊपर सबसे बड़ा आरोप 2005 में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या कराने का लगा था जिस पर सुनवाई पूरी होनेंके बाद कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को क्लीन चिट दे दिया था। कुल मिलाकर आगामी विधान सभा चुनाव में सदर विधानसभा की आम जनता वेरोजगारी बढ़ती महगायी स्वास्थ और शिक्षा में भारी गिरावट व अधिकारियों की मनमानी से खिन्न होकर सरकार बदलने की मूड में है। अगर मुख्तार अंसारी सपा सुभासपा गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में आते हैं तो उन्हे जनता का भरपूर समर्थन मिल सकता हैं?