राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) में शामिल होने के एक दिन बाद अरियालुर जिले के एक गांव की एक लड़की ने आत्महत्या कर ली। तमिलनाडु में दो दिनों के भीतर इस तरह की यह दूसरी घटना है। इस तरह की घटना को लेकर द्रमुक सरकार पर निशाना साधने के लिए अन्नाद्रमुक को एक और मुद्दा हाथ लग गया है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मंगलवार को भी नीट खत्म करने के लिए कानूनी लड़ाई जारी रखने पर जोर दिया।
17 वर्षीया कनीमोरी ने सोमवार रात उस समय आत्महत्या की जब उसके माता-पिता घर से बाहर थे। कुछ घंटे बाद घर लौटने पर उन्होंने बेटी को फंदे से लटकते पाया। वकील की बेटी कनीमोरी अरियालुर जिले के जायकोंडम गांव की रहने वाली थी। मेडिकल में नामांकन की इच्छुक वह ऐसी 16वीं विद्यार्थी है जिसने आत्महत्या की है।
विधानसभा में एक दिन पहले सोमवार को विधेयक पारित करने का उल्लेख करते हुए स्टालिन ने कहा, ‘शुरू से ही हम नीट का विरोध कर रहे हैं। यह तमिलनाडु के विद्यार्थियों के मेडिकल शिक्षा प्राप्त करने के सपने पर पानी फेर रहा है। विधेयक पारित करने के साथ हमने पूरी ताकत से कानूनी लड़ाई शुरू की है। भाजपा को छोड़ सभी पार्टियों ने समर्थन किया है।’
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द से विधेयक पर मंजूरी लेकर नीट हटाने तक कोई समझौता नहीं होगा। विधेयक में 12वीं के प्राप्तांक के आधार पर मेडिकल कोर्स में नामांकन का प्रविधान किया गया है।
15 लाख से अधिक छात्र परीक्षा में हुए थे सम्मिलित
बता दें कि मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) में रविवार को 15 लाख से अधिक छात्र सम्मिलित हुए थे। कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए इस परीक्षा का आयोजन देशभर में 3,800 से अधिक केंद्रों पर किया गया था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि इस साल नीट में रिकार्ड 16.14 लाख छात्रों ने पंजीकरण कराया था, इनमें से 95 फीसद से अधिक परीक्षा में सम्मिलित हुए थे।