विधानसभा के बाहर अनशन पर बैठे रघुवर दास
रांची
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास बुधवार को झारखंड विधानसभा में परिसर में अनशन पर बैठे। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार की हिंदू विरोध मानसिकता और तुष्टिकरण की नीति के विरोध में उन्होंने अनशन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण के लिए हेमंत सरकार ने संविधान की मर्यादा को भी ताक पर रख दिया है। इस सरकार को न तो संवैधानिक मूल्यों से मतलब है न परंपराओं से। जब सरकार में शामिल कांग्रेस का एक विधायक तालिबान का खुल कर समर्थन करता है, तो यह सरकार की विचारधारा को दिखाता है। यही कारण है कि तुष्टिकरण को बढ़ावा मिल रहा है। नमाज के लिए अलग कमरा आवंटन कर हेमंत सरकार ने तुष्टिकरण की सारी सीमाएं पार कर दी। वोट बैंक की राजनीति करते हुए हेमंत सरकार ने संविधान के पंथ निरपेक्ष मूल्यों को कलंकित कर दिया है। यह बिलकुल अनुचित कदम है। इसके अलावा नियोजन नीति में हिंदी को बाहर व उर्दू को अंदर रखा गया है। यह भी वोट बैंक की राजनीति का ही नतीजा है। इसका भाजपा पूरजोर विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि माननीय विधानसभा अध्यक्ष को दो दिन पहले ही पत्र लिखकर नमाज के लिए अलग कमरे का आदेश वापस लेने का आग्रह किया था। ऐसा नहीं करने पर अनशन पर बैठने की घोषणा की थी। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा निर्णय वापस नहीं लेने के कारण वे विधानसभा परिसर में धरने पर बैठे हैं। हेमंत सरकार ने सता संभालते ही तुष्टिकरण की राजनीति शुरू कर दी थी। लोहरदगा दंगा हो या हजारीबाग में सड़क पर नमाज पढ़ने। झारखंड में सब कुछ खुल गया है, लेकिन मंदिर खोलने की अनुमति नहीं है। कोरोना के दौरान हिंदपीढ़ी में पुलिस असहाय दिखती है, तो जमशेदपुर में एक फल विक्रेता द्वारा हिंदू लिख देने भर से उस पर मुकदमा दर्ज कर दिया जाता है। वोट बैंक की राजनीति के लिए कितना गिरेगी हेमंत सरकार। इससे पहले शरघुवर दास ने अरगोड़ा मैदान से मार्च शुरू किया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, नेता प्रतिपक्ष बाबुलाल मरांडी, सांसद संजय सेठ, विद्युतवरण महतो, सुदर्शन भगत समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के साथ विधानसभा की तरफ पैदल मार्च किया। विधानसभा में धरना देने के बाद भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज के विरोध में वे जगन्नाथ मंदिर के पास पहुंचे। वहां उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता राष्ट्रवादी हैं। जिनको अंग्रेजों की गोलियां नहीं डरा सकीं, हम उनके वंशज हैं। लाठी हमें क्या डरायेगी। अंग्रेजी हुकूमत को हिला डालनेवाले भगवान बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हू, तिलका मांझी, शेख भिखारी, फुलो-झानो आदि जैसे महान लोगों के वंशजों को यह रोम से चलनेवाली सरकार क्या डरा पायेगी।

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